Home Health डीएमसीएच के प्रिंसिपल डॉ. संदीप पुरी ने दिया इस्तीफा 29...

डीएमसीएच के प्रिंसिपल डॉ. संदीप पुरी ने दिया इस्तीफा 29 फरवरी को संस्थान में अंतिम दिन

27
0

डीएमसीएच के प्रिंसिपल डॉ. संदीप पुरी ने दिया इस्तीफा

29 फरवरी को संस्थान में अंतिम दिन


लुधियाना, 28 फरवरी, 2024: एक बड़ा निर्णायक कदम उठाते हुए, दयानंद मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (डीएमसीएच), लुधियाना के प्रिंसिपल डॉ. संदीप पुरी ने 29 फरवरी को संस्थान छोड़ने का फैसला किया है।

डॉ. पुरी 1 दिसंबर, 2014 से इस प्रतिष्ठित संस्थान के प्रिंसिपल के रूप में कार्यरत हैं। वह 1992 से डीएमसीएच की फैकल्टी में हैं। प्रिंसिपल के पद से पहले, उन्होंने प्रोफेसर एंड हेड ऑफ मेडिसिन (9 वर्ष), मेडिकल सुपरिन्टेन्डेन्ट (14 वर्ष) और वाईस प्रिंसिपल (1 वर्ष) सहित संस्था में विभिन्न पदों पर कार्य किया था।  

डीएमसीएच प्रबंधन द्वारा नीति में बदलाव के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। संस्थान की नई नीति डॉक्टरों को निजी प्रैक्टिस जारी रखने की इजाजत नहीं देती है।  परिणामस्वरूप, डॉ. पुरी अब कल संस्थान छोड़ने के बाद व्यक्तिगत रूप से अपना चिकित्सीय कार्य करेंगे। उनसे पहले, मेडिसिन के प्रमुख डॉ. दिनेश गुप्ता, मनोचिकित्सा के प्रमुख डॉ. रंजीव महाजन, नेत्र के प्रमुख डॉ. सुमीत चोपड़ा,
न्यूरोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. राजिंदर बंसल, डीएम रुमेटोलॉजी डॉ. विकास, डीएम एंडोक्राइनोलॉजी डॉ. सौरभ, नेत्र के प्रोफेसर डॉ. साहिल चोपड़ा और मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ अमित बेरी ने भी मुख्य रूप से नीति परिवर्तन के कारण संस्थान से इस्तीफा दिया था।

डॉ. पुरी 1982 में एक मेडिकल छात्र के रूप में संस्थान से जुड़े और बाद में डीएमसीएच, लुधियाना के प्रिंसिपल बने। वह 9 साल और 3 महीने की अवधि के लिए प्रिंसिपल का पद संभालने वाले डीएमसी के पहले पूर्व छात्र थे। उन्होंने 1987 में दयानंद मेडिकल कॉलेज के बेस्ट ऑल राउंड कैंडिडेट के रूप में स्नातक किया और 1991 में डीएमसी से एमडी मेडिसिन किया। उन्हें छात्रों ने सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार के रूप में मान्यता दी है। प्रिंसिपल के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान डीएमसी ने कई उपलब्धियां हासिल कीं।

यहां बताया जाता है कि डॉ. पुरी ने रोगी देखभाल में सुधार, चिकित्सा शिक्षा मानकों को अपग्रेड करने और अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रशासनिक योगदान दिया है।

उन्होंने बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज में मेडिकल साइंसेज फैकल्टी के डीन, पीजी बोर्ड ऑफ स्टडीज के चेयरमैन, यूजी बोर्ड ऑफ स्टडीज के चेयरमैन, सीनेट के सदस्य, योजना बोर्ड के सदस्य और मेंबर एक्सपर्ट, फैकल्टी ऑफ मेडिकल साइंसेज, हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी सहित विभिन्न पदों पर कार्य किया है।

उन्हें एपीआईसीओएन 2017 में प्रतिष्ठित रबिंदर नाथ टैगोर ओरेशन, इंडियन कॉलेज ऑफ फिजिशियन द्वारा फैलोशिप; इंडियन एकेडमी ऑफ क्लिनिकल मेडिसिन, इंटरनेशनल मेडिकल साइंस एकेडमी और नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज की सदस्यता से सम्मानित किया गया। रुमेटोलॉजी में उनकी विशेष रुचि है।

वह कई प्रमुख कार्यक्रमों जैसे राष्ट्रीय सम्मेलनों के आयोजन, कई इंटरनेशनल क्लीनिकल ट्रायल्स, स्नातकोत्तर छात्रों के थीसिस और अनुसंधान कार्यों की देखरेख, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में वैज्ञानिक पत्र प्रकाशित करने और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में व्याख्यान देने या सत्रों की अध्यक्षता करने से निकटता से जुड़े रहे हैं।  वह 5 विश्वविद्यालयों में इंटरनल मेडिसिन के एग्जामिनर हैं।  सांस्कृतिक गतिविधियों, खेल और युवा मामलों के प्रति उत्साही वह एक प्रशासक के रूप में इन गतिविधियों से जुड़े रहे हैं। वह जनता को हमेशा रक्तदान के लिए प्रेरित करते रहे हैं और वे स्वयं 93 बार रक्तदान कर चुके हैं।

अपनी प्रतिक्रिया देते हुए, डीएमसीएच मैनेजिंग सोसाइटी के वाईस प्रेजिडेंट, संजीव अरोड़ा ने कहा है कि डॉ. पुरी एक प्रसिद्ध डॉक्टर हैं, जिनका एक शिक्षाविद और प्रशासक के रूप में एक कुशल करियर रहा है। उन्होंने कहा कि डॉ. पुरी ने न केवल लुधियाना में बल्कि उत्तर भारत में नाम और प्रसिद्धि अर्जित की है। उन्होंने डॉ. पुरी को उनके भविष्य के प्रयासों में बड़ी सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि डीएमसीएच की समग्र सफलता और विकास में डॉ पुरी के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है।

पूछे जाने पर डीएमसीएच मैनेजिंग सोसाइटी के सचिव बिपिन गुप्ता ने कहा कि डॉ. संदीप पुरी एक बहुत बढ़िया डॉक्टर हैं जिन्होंने पिछले कुछ वर्षों में संस्थान को बहुत सराहनीय सेवाएं प्रदान की हैं। उन्होंने कहा कि अब डॉ. पुरी नेक नीयत के साथ डीएमसीएच छोड़ रहे हैं।

डॉ. पुरी के कार्यकाल में डीएमसी देश के शीर्ष 20 मेडिकल कॉलेजों और उत्तर भारत के सर्वश्रेष्ठ निजी मेडिकल कॉलेजों में शामिल हुआ है। एमबीबीएस में सीटें बढ़ाकर 100 कर दी गईं और विभिन्न स्नातकोत्तर और डीएम पाठ्यक्रमों में 37 सीटें जोड़ी गईं। नेफ्रोलॉजी (2019) और क्रिटिकल केयर मेडिसिन (2019) में सुपर स्पेशलाइजेशन शुरू किया गया। 2016 में एनएबीएच द्वारा मान्यता संस्थान का एक और उपलब्धि थी। नई अल्ट्रामॉडर्न मेडिकल कॉलेज बिल्डिंग (2015), एक प्रभावशाली कैंसर केयर सेंटर (2017) और डीएमसी कॉलेज ऑफ नर्सिंग (2017) भी उनके कार्यकाल के दौरान शुरू किए गए थे।

Previous articlePrincipal DMCH Dr Sandeep Puri resigns Last day at institution on Feb 29
Next articleSCD Govt College Alumnus Gp Captain Amar Jeet Singh Grewal passed away—Alumni Association condoles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here