अरोड़ा ने केंद्र से कहा: पंजाब को पड़ोसी जम्मू-कश्मीर के बराबर दिए जाएँ इंसेंटिव
लुधियाना, 11 अगस्त, 2023: लुधियाना से राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा का दृढ़ विश्वास है कि पंजाब की इंडस्ट्री जम्मू-कश्मीर की तुलना में बहुत अधिक नुकसान में है।
अरोड़ा ने आज यहां एक बयान में कहा, “पंजाब के पड़ोसी राज्य जम्मू-कश्मीर को एक विशेष श्रेणी का राज्य मानते हुए वहां उद्योग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र द्वारा कई प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं। परिणामस्वरूप, पंजाब का उद्योग जम्मू-कश्मीर की तुलना में बहुत अधिक नुकसान में है, जबकि सीमावर्ती राज्य होने के कारण पंजाब भी केंद्र द्वारा विशेष प्रोत्साहन का हकदार है।“
अरोड़ा ने कहा कि भारत सरकार ने 28,400 करोड़ रुपये (वर्ष 2037 तक) के वित्तीय लागत के साथ जम्मू-कश्मीर में पूंजी निवेश को आकर्षित करने के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के औद्योगिक विकास के लिए नई केंद्रीय क्षेत्र योजना को अधिसूचित किया है। यह योजना चार प्रकार के प्रोत्साहन प्रदान करती है, अर्थात् कैपिटल इन्वेस्टमेंट इंसेंटिव, गुड्स एंड सर्विसेज लिंक्ड इंसेंटिव और वर्किंग कैपिटल इंटरेस्ट सबवेंशन। भारत सरकार द्वारा प्रोत्साहन पैकेज में सेंट्रल कैपिटल इन्वेस्टमेंट इंसेंटिव फॉर एक्सेस टू क्रेडिट (सीसीआईआईएसी) 5 करोड़ रुपये की ऊपरी सीमा के साथ
प्लांट और मशीनरी में निवेश का 30%; शेड्यूलड बैंकों या केंद्रीय/राज्य वित्तीय संस्थानों द्वारा दिए गए पूंजीगत ऋण पर 3% की दर से सेंट्रल इंटरेस्ट इंसेंटिव (सीआईआई);सेंट्रल कम्प्रेहैन्सिव इन्शुरन्स इंसेंटिव (सीसीआईआई) बिल्डिंग, प्लांट और और मशीनरी के बीमा पर बीमा प्रीमियम का 100%; और इकाई द्वारा भुगतान किए गए जीएसटी की प्रतिपूर्ति राज्य को इन करों के एक हिस्से के हस्तांतरण के बाद बनाए गए सीजीएसटी और/या आईजीएसटी के केंद्र सरकार के हिस्से तक सीमित, शामिल है।
अरोड़ा ने कहा कि उन्होंने हाल ही में राज्यसभा के चल रहे सत्र में पंजाब के उद्योगों को प्रोत्साहन देने का मामला उठाया है और जम्मू और कश्मीर जहां उस राज्य के लिए प्रोत्साहन और निवेश किया गया है की तर्ज पर पंजाब राज्य में मौजूदा उद्योग और नए उद्योगों को बचाने के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में पूछा है; और यदि नहीं, तो उसके कारण क्या हैं।
अरोड़ा ने कहा कि उनके सवालों के जवाब में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने कहा कि पंजाब राज्य जम्मू-कश्मीर की तरह एक विशेष श्रेणी का राज्य नहीं है, क्योंकि यह
निर्धारित मानदंडों को पूरा नहीं करता है। हालांकि, पंजाब में मौजूदा और नए उद्योगों को विकसित करने के लिए कई पहल की गई हैं।
अरोड़ा ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने अपने जवाब में आगे बताया कि पंजाब में कुल 1173 माइक्रो फ़ूड इंटरप्राइजेज को प्रधान मंत्री फॉर्मलाईजेशन ऑफ़ माइक्रो फ़ूड प्रोसेसिंग इंटरप्राइजेज (पीएमएफएमई) योजना के तहत मंजूरी दी गई है, जिसमें भारत सरकार माइक्रो फ़ूड प्रोसेसिंग इंटरप्राइजेज को लगाने /उपग्रडेशन के लिए वित्तीय, तकनीकी और व्यावसायिक सहायता प्रदान करती है। इसके अलावा, भारत सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम फॉर फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री (पीएलआईएसएफपीआई) योजना के तहत पंजाब में स्थित प्रोजेक्ट्स में कुल 134.93 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है जिनका इरादा ग्लोबल फ़ूड मैन्युफैक्चरिंग चैंपियंस के निर्माण और अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य उत्पादों के भारतीय ब्रांडों का समर्थन करना है।
हालाँकि, अरोड़ा ने मंत्री के जवाब पर पूरी तरह से असंतोष व्यक्त किया है, खासकर यह ध्यान में रखते हुए कि मंत्री पंजाब से हैं। अरोड़ा ने केंद्र से सीमावर्ती राज्य पंजाब में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए और अधिक पहल करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि पंजाब का उद्योग पहले ही आतंकवाद के दौर और हाल ही में उत्पन्न महामारी की स्थिति के दौरान भारी नुकसान झेल चुका है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के गतिशील नेतृत्व में पंजाब सरकार पहले से ही औद्योगीकरण को बढ़ावा देने और पंजाब के बाहर से बड़े निवेश को आमंत्रित करने के लिए कई पहल कर रही है। उन्होंने कहा कि यदि पंजाब के उद्योग को केंद्र की ओर से विशेष प्रोत्साहन दिया जाता है, तो इससे राज्य सरकार की पहल को और बढ़ावा मिलेगा।